- September 15, 2023
- Hindi
आंखों के लेंस में धुंधला होने को मोतियाबिंद कहा जाता है। लेंस द्वारा सामान्य की तरह स्पष्ट दिखाई देता है। मोतियाबिंद हमारी आंखों से लाइट को रिफ्लेक्ट होने नहीं देते और दृष्टि में बाधा डालते हैं। मोतियाबिंद की शुरुआत तब होती है जब लेंस बनाने वाला प्रोटीन धुंधला हो जाता है। बढ़ती उम्र के साथ लोगों में मोतियाबिंद आम है लेकिन बच्चों में इसे दुर्लभ माना जाता है। ये द्विपक्षीय (bilateral) या एकतरफा (unilateral), दोनों हो सकता है।
कुछ मोतियाबिंद गंभीर होते हैं और बच्चों की दृष्टि को प्रभावित कर सकते हैं, जबकि कुछ मोतियाबिंद आकार में छोटे होते हैं और दृष्टि में कोई बाधा नहीं डालते हैं और कोई परेशानी भी पैदा नहीं करते हैं। तो, अगर आप बच्चों में होने वाले मोतियाबिंद के बारे में जानना चाहते है या उनका इलाज करवाना चाहते है तो आप बंसल अस्पताल में जांच करवा सकते हैं!
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विषयसूची
- बच्चों में मोतियाबिंद के प्रकार
- बच्चों में मोतियाबिंद के लक्षण
- बचपन में होने वाले मोतियाबिंद के कारण
- बचपन में होने वाले मोतियाबिंद का निदान
- बचपन में होने वाले मोतियाबिंद का उपचार
- डॉक्टर से परामर्श करने का सही समय
- सामान्य प्रश्न
बच्चों में मोतियाबिंद के प्रकार
1. ट्रॉमेटिक मोतियाबिंद (traumatic cataract)
खेलते समय या किसी खेल के दौरान बच्चे को लगी कोई भी चोट मोतियाबिंद का कारण बन सकती है। आंख में चोट समस्याओं का कारण बन सकती है। अगर चोट लगने के समय नहीं तो कुछ वर्षों के बाद मोतियाबिंद हो सकता है।
2. जन्मजात मोतियाबिंद (congenital cataract)
ऐसा सच है की जन्म के समय या बचपन में भी बच्चों को मोतियाबिंद होने की संभावना होती। मोतियाबिंद एक साथ दोनों आंखों में भी हो सकता है। लेकिन, इस मोतियाबिंद को हटाने की जरूरत नहीं पड़ती और इससे देखने में भी कोई परेशानी नहीं होती।
3. रेडिएशन मोतियाबिंद (radiation cataract)
ऐसे मामलों में, बच्चे में रेडिएशन के संपर्क में आने के कारण होने वाले मोतियाबिंद को रेडिएशन मोतियाबिंद के रूप में जाना जाता है।
4. माध्यमिक मोतियाबिंद (secondary cataract)
डायबिटीज़ या किसी अन्य बीमारी के कारण होने वाले मोतियाबिंद को सेकेंडरी मोतियाबिंद माना जाता है, साथ ही कुछ दवाओं और स्टेरॉयड के उपयोग से भी ये समस्याएं हो सकती हैं।
बच्चों में मोतियाबिंद के लक्षण
मोतियाबिंद के लक्षणों से तो हम सब वाकिफ है लेकिन बचपन के मोतियाबिंद में किस प्रकार के लक्षण हो सकते हैं, इसके लिए लेंस का धुंधलापन इसे समझने का एक लक्षण हो सकता है। जब बच्चा छोटा होता है तो मोतियाबिंद के लक्षणों को समझना कठिन होता है।
लेकिन, जन्म के बाद 72 घंटों के भीतर बच्चे की आँखों की जांच की जाती है। ये जांच संतुष्टि के लिए की जाती है की कही आँखों में कोई समस्या तो नहीं है। दूसरी जांच फिर जन्म के 6 से 8 सप्ताह के भीतर की जाती है। साथ ही, बच्चे की स्क्रीनिंग के बाद मोतियाबिंद होने की भी संभावना रहती है।
बचपन के मोतियाबिंद के लक्षणों में शामिल हैं:
• ग्रे या सफेद प्यूपिल (Pupil) का निर्माण: ऐसे किसी भी रंग के बनने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए क्योंकि यह रेटिनोब्लास्टोमा के लक्षण गंभीर हो सकते है।
• दृष्टि का कमज़ोर होना: इससे पीड़ित बच्चे को लोगों और अन्य वस्तुओं को देखने में कठिनाई होती है
• भेंगापन: दोनों आँखों का अलग-अलग दिशाओं में इशारा करना भेंगापन कहते है।
• तीव्र नेत्र गति: इसे निस्तागमुस (nystagmus) के रूप में भी जाना जाता है, जो आंखों की गति को तेज़ कर देता है जैसे पलकें झपकाना और हिलना।
• रंगों का फीका दिखना
• धुंधली नज़र
• आँखों को रोशनी बहुत तेज़ लगना
• दृष्टि का कम हो जाना
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बचपन में होने वाले मोतियाबिंद के कारण
बच्चा मोतियाबिंद के साथ पैदा हो सकता है या अपने जीवन के उत्तरार्ध में इससे पीड़ित हो सकता है।
• स्टेरॉयड का उपयोग
• आर्थराइटिस
• पोइज़िनिंग
• चोट
• आंख का रोग
• डायबिटीज़
• जेनेटिक्स
• परिवार के इतिहास
• एंज़ाइम की कमी
बचपन में होने वाले मोतियाबिंद का निदान
1. बच्चों का दृष्टि परीक्षण किया जाता है
यदि आप अपने बच्चे की दृष्टि के संबंध में कोई समस्या महसूस करते हैं तो आप अपने डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं। साथ ही किसी भी स्वास्थ्य समस्या और दृष्टि संबंधी समस्याओं को समझने के लिए नियमित जांच कराना सुनिश्चित करें।
2. नवजात शिशु की स्क्रीनिंग
जैसा कि हमने पहले चर्चा की थी कि बच्चे के जन्म के 72 घंटों के भीतर दृष्टि जांच की जाती है। यह जन्म के बाद की जाने वाली पहली जांच है। यह उनकी आंखों की गति और सामान्य स्थिति को देखकर की जा सकती है। यदि चेहरा धुंधला दिखाई दे तो मोतियाबिंद होने की संभावना रहती है।
3. नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श लें
यदि जन्म के समय जांच की जाती है और यह निष्कर्ष निकलता है कि बच्चे को मोतियाबिंद है तो आपको पहले उपचार के लिए किसी नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। फिर नेत्र रोग विशेषज्ञ एक उपकरण से बच्चे की आंख की जांच करते हैं और उसका उचित विश्लेषण करेंगे और आपको आवश्यक उपचार की सलाह देंगे।
बचपन में होने वाले मोतियाबिंद का उपचार
उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि मोतियाबिंद की गंभीरता कितनी है और दृष्टि पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है। यदि कोई गंभीरता नहीं है तो किसी भी त्वरित उपचार की आवश्यकता नहीं है। लेकिन, यदि मोतियाबिंद गंभीर है और दृष्टि को प्रभावित करता है तो मोतियाबिंद सर्जरी की आवश्यकता होती है। यदि जन्म से ही मोतियाबिंद है तो बच्चे के जन्म के 1-2 महीने के भीतर सर्जरी की जाती है।
अगर आप अपने बच्चे या बुज़ुर्गो के लिए किसी नेत्र विशेषज्ञ की तलाश में है तो आप अपना इलाज बंसल अस्पताल के ओफ्थल्मोलॉजी विभाग में करवा सकते हैं।
डॉक्टर से परामर्श करने का सही समय
माता-पिता के लिए बच्चों और शिशुओं में मोतियाबिंद के लक्षण देखना और इसके संबंध में आवश्यक कार्रवाई करना महत्वपूर्ण है। मोतियाबिंद की गंभीरता आंखों को स्थायी नुकसान पहुँचा सकती है जिससे अंधापन हो सकता है। इसलिए, नियमित जांच कराना बेहतर है ताकि इलाज में देरी से बचा जा सके।
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सामान्य प्रश्न
- बचपन में मोतियाबिंद क्यों होता है?
बच्चों में मोतियाबिंद जीन में खराबी के कारण होता है जो माता-पिता से बच्चे में स्थानांतरित हो जाता है।
- क्या बच्चों में मोतियाबिंद ठीक हो सकता है?
हाँ, सर्जरी और ज़रूरी इलाज से बच्चों में मोतियाबिंद को ठीक किया जा सकता है।
- आँख में मोतियाबिंद कहाँ विकसित होता है?
मोतियाबिंद आंख के लेंस में विकसित हो सकता है।
4.क्या बच्चों में मोतियाबिंद दुर्लभ है?
हाँ, जन्मजात मोतियाबिंद दुर्लभ है और बहुत कम बच्चों को होता है।